शिमला: हिमाचल विधानसभा बजट सत्र के पहले ही दिन निष्कासित हुए पांचों कांग्रेस विधायकों का निलंबन रद्द कर दिया गया है जिससे सत्ता पक्ष और विपक्ष के मध्य गतिरोध खत्म हो गया है। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री सहित पांच कांग्रेस विधायक हर्षवर्धन चौहान, विनय कुमार, सुंदर ठाकुर और सतपाल रायजादा सदन की कारवाही में शामिल हो सकेंगे । 26 फरवरी को राज्यपाल की अवमानना के आरोप में पांचों विधायकों को पूरे सत्र तक निलंबित कर दिया गया था। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के निर्देश पर आज संसदीय कार्यमंत्री सुरेश भारद्वाज ने सदन में प्रस्ताव पेश किया और सभी विपक्षी विधायकों की उपस्थिति में सर्वसहमति से यह निलबंन रद्द प्रस्ताव पारित कर दिया गया।
निष्कासित विधायकों की सदन में वापसी
निलंबन रद्द प्रस्ताव पर पक्ष-विपक्ष ने दी सर्वसम्मति ,मुख्यमंत्री ने जताई सदन में सार्थक चर्चा की उम्मीद
प्रस्ताव पेश करने को लेकर हुई बैठक में सत्ता पक्ष से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के अलावा संसदीय कार्यमंत्री सुरेश भारद्वाज, आईपीएच मिनिस्टर महेंद्र सिंह मौजूद रहे वहीं विपक्ष की तरफ से पांच सदस्य, आशा कुमारी, सुखविंदर सिंह, जगत सिंह नेगी, रामलाल ठाकुर, कर्नल धनी राम शांडिल मौजूद रहे।
भविष्य में सदन की कार्यवाही होगी सार्थक: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस संबंध में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि गतिरोध खत्म करने के प्रयास किए जा रहे थे। उन्होंने कहा कि विपक्ष के कुछ नेताओं द्वारा बातचीत का सुझाव दिया जा रहा था और उनकी पार्टी के नेताओं ने भी विपक्ष द्वारा दिए गए सुझाव पर विचार करने की बात कही। उन्होंने कहा मुद्दे पर कोई व्यक्तिगत मतभेद नहीं थे और आज दोनों पक्षों के बीच बातचीत की पहल हुई है यह भविष्य में सदन में होने वाली चर्चाओं को सार्थक करेगी।
दोनों पक्षों के बीच बातचीत सौहार्दपूर्ण : सुरेश भारद्वाज
वहीं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया कि अभिभाषण पर हुए हंगामे के बाद पांच विधायकों को निलंबित कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में पक्ष-विपक्ष में वाद विवाद चलता रहता है। विधायकों के निलंबन वापसी को लेकर लगातार बातचीत की जा रही थी। आज आशा कुमारी सुखविंदर सिंह, जगत सिंह नेगी, रामलाल ठाकुर, कर्नल धनी राम शांडिल के साथ शोहर्दपूर्ण बातचीत हुई। जिसमें पांचों सदस्यों के निलंबन की वापसी पर चर्चा हुई और सदन में प्रस्ताव लाया गया और पांचों विधायकों का निलंबन रद्द किया गया। उन्होंने सदन में सार्थक चर्चा की उम्मीद जताई।
विपक्ष कर रहा था निलबंन की मांग:
पांच दिनों से निष्कासित विधायक व अन्य धरने पर बैठे हुए थे और लगातार निलबंन को रद्द करने की मांग कर रहे थे। इसी संबंध मे बृहस्पति वार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह भी नेताओं को समर्थन देने विधानसभा पहुंचे थे।