शिमला,5 अप्रैल: अपनी जान की परवाह न कर ड्यूटी के प्रति कर्त्तव्य व मानव सेवा को प्राथमिकता देने वाली शिमला पुलिस की दो महिला कॉन्स्टेबल्स को शिमला पुलिस ने सम्मानित किया है। यह दोनों महिला कांस्टेबल पंडोह बस हादसे का शिकार हुई थीं।
चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग पर देयोड-पंडोह, मंडी के पास एक एचआरटीसी बस सोमवार को दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इस बाद हादसे में शिमला पुलिस की दो महिला कांस्टेबल भी घायल हुईं। शिमला जिले की दो महिला कांस्टेबल अंजू और शीतल इसी बस में एक महिला कैदी के साथ सवार हुई थीं, जो अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कुल्लू कोर्ट में सुनवाई के बाद वापस शिमला आ रही थीं। हादसे में कैदी महिला सहित दोनों महिला कांस्टेबल बुरी तरह घायल हो गईं।
बचाव प्रक्रिया के दौरान महिला आरक्षकों को चिकित्सा सहायता के लिए अस्पताल जाने के लिए एम्बुलेंस में वरीयता दी जा रही थी लेकिन इन पुलिस अधिकारियों ने अपनी जान की परवाह किए बिना कैदी के बिना अस्पताल जाने से इंकार कर दिया और अपनी ड्यूटी को ज्यादा तरजीह दी और घायल महिला कैदी को लेकर ही अस्पताल गए। इन महिला कांस्टेबलों ने अपने कर्तव्य और मानव सेवा के प्रति वास्तविक समर्पण और समर्पण दिखाया है।
शिमला पुलिस ने उनके ड्यूटी के प्रति कर्तव्य व समर्पण की सराहना की। उन्होंने खाखी का सम्मान बढ़ाया है। संजय कुंडू डीजीपी-हिमाचल प्रदेश ने भी दोनों महिला कांस्टेबलों की सराहना की और उन्हें सम्मानित किया।