शिमला,17 मार्च: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने आज वित्त वर्ष 23-24 के लिए 53,413 करोड़ रुपये का बजट पेश किया । 2023-24 के लिए राज्य विकास बजट के लिए 9 हज़ार 524 करोड़ रुपये व्यय किए जाने का प्रस्ताव है। ‘अनुसूचित जाति विकास कार्यक्रम’ के लिए 2 हज़ार 399 करोड़ रुपये, जनजातीय विकास कार्यक्रम’ के लिए 857 करोड़ रुपये तथा ‘पिछड़ा क्षेत्र विकास कार्यक्रम’ के लिए 104 करोड़ रुपये के व्यय किए जाने प्रस्तावित है। इसके अतिरिक्त केन्द्रीय योजनाओं के लिए 3 हज़ार 397 करोड़ रुपये के व्यय प्रस्तावित किए गए हैं। इसके अलावा बजट में क्या है संक्षेप में जानिए।
युवाओं के लिए बजट:
प्रदेश के युवाओं को उनकी अपनी भूमि अथवा लीज पर ली गई भूमि पर 250 किलोवाट से 2 मैगावाट तक की सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने के लिए 40 % अनुदान सहित अनुमति दी जाएगी। इन परियोजनाओं से उत्पन्न बिजली की खरीद राज्य विद्युत बोर्ड द्वारा दी जाएगी।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बजट में 25 हजार विभिन्न कार्यात्मक पदों को भरने की घोषणा है। इसके अलावा पांच हजार अन्य पद भी भरे जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग, तकनीकी शिक्षा, शिक्षा, पशुपालन, शहरी विकास, पंचायतीराज जल शक्ति, बिजली बोर्ड, ग्रामीण विकास विभाग आदि में पद भरे जाएंगे।
बजट में विधायक ऐच्छिक निधि को 12 से बढ़ाकर 13 लाख रुपये करने की घोषणा की गई। विधायक क्षेत्र विकास निधि को दो करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2.10 करोड़ रुपये किया। बजट में घोषणा की गई कि सिंगल विंडो सिस्टम खत्म होगा।
ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन खोलेंगे। नईउद्योग नीति लाई जाएगी। बेरोजगार युवाओं को 500 रूटों पर इलेक्ट्रिक वाहन के परमिट दिए जाएंगे। हमीरपुर में बस पोर्ट बनाया जाएगा जिस पर 10 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। दिहाड़ी 375 रुपये करने की घोषणा की गई है।मछली पालन के लिए तालाब निर्माण के लिए 80 फीसदी की सब्सिडी की घोषणा। मनरेगा दिहाड़ी मौजूदा 212 रुपये से 240 रुपये करने की घोषणा। जनजातीय क्षेत्रों में मनरेगा दिहाड़ी मौजूदा 266 रुपये से 294 रुपये करने की घोषणा ।
9 लाख मनरेगा मजदूरों को इससे लाभ मिलेगा। इससे 100 करोड़ का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार वहन करेगी। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बजट भाषण में कहा कि हिमाचल में नशा एवं मादक पदार्थ मुक्त अभियान चलेगा।
नशे के सौदागरों के खिलाफ कड़ा कानून लाया जाएगा। किसानों, पशुपालकों के लिए हिम गंगा योजना शुरू होगी। इस योजना के लिए 500 करोड़ की घोषणा। नए मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किए जाएंगे और मौजूदा प्लांट्स को अपग्रेड किया जाएगा।
अध्यक्ष जिला परिषद 20 हजार रुपये प्रति माह मानदेय मिलेगा। उपाध्यक्ष जिला परिषद को 15 हजार हजार रुपये प्रति माह मानदेय मिलेगा। सदस्य जिला परिषद को 6500 रुपये प्रति माह, अध्यक्ष बीडीसी को 9500 रुपये प्रति माह, उपाध्यक्ष बीडीसी को 7000 रुपये प्रति माह, सदस्य बीडीसी को 6000 रुपये प्रति माह, पंचायत प्रधान को 6000 रुपये प्रति माह, उप प्रधान को 4000 रुपये प्रति माह और सदस्य ग्राम पंचायत को 500 रुपये प्रति बैठक प्रदान किया जाएगा। ग्रामीण विकास पंचायती राज विभाग के लिए 1916 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को अब 9500 रुपये प्रतिमाह, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 6600 रुपये, आंगनबाड़ी सहायिका को 5200 रुपये, आशा वर्कर को 5200, मिड डेमिल वर्करों को 4000, वाटर कैरियर शिक्षा विभाग को 4400 रुपये, जलशक्ति विभाग बहुउद्देश्यीय कार्यकर्ता को 4400 रुपये और पैरा फिटर पंप ऑपरेटर को 6000 रुपये प्रति माह मानदेय दिया जाएगा।
दिहाड़ीदार की दिहाड़ी 25 रुपये बढ़ाकर 375 रुपये करने की घोषणा। आउटसोर्स को न्यूनतम 11250 रुपये मिलेंगे। पंचायत चौकीदारों को 7000 रुपये और राजस्व लंबरदार को 3700 रुपये प्रति माह मानदेय दिया जाएगा। एसएमसी शिक्षकों को 500 रुपये,आईटी टीचर को 2000 और एसपीओ को 500 रुपये प्रति माह बढ़ोतरी की घोषणा। विधायक ऐच्छिक निधि को 12 लाख रुपये से बढाकर 13 लाख रुपये किया।