शिमला,26 मार्च: हिमकेयर योजना का लाभ लेने के लिए अब प्रार्थी पूरे साल रजिस्ट्रेशन करवा सकता है। सरकार ने रजिस्ट्रेशन करने की समय सीमा बढ़ा दी है। साथ ही कार्ड 3 साल वैलिड रहेगा।
इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि हिमाचल प्रदेश की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री हिमकेयर योजना प्रदेशवासियों के बेहतर और गुणवत्तापूर्ण नि:शुल्क स्वास्थ्य उपचार के लिए उपयोगी साबित हो रही है।
प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा लोग इस योजना के तहत पंजीकृत हो सकें और लाभ ले सकें इसीलिए सरकार ने रजिस्ट्रेशन की अवधि बढ़ा दी है। प्रवक्ता ने बताया कि हिमकेयर योजना की पंजीकरण प्रक्रिया अब पूरा साल खुली रहेगी और कार्ड नवीनीकरण की अवधि एक साल से बढ़ा कर तीन साल कर दी गई है, जोकि 1 अप्रैल, 2022 से लागू की जाएगी। इसके अंतर्गत एक परिवार के 5 सदस्यों तक प्रतिवर्ष 5 लाख रूपए की नि:शुल्क इलाज की सुविधा का प्रावधान किया गया है। यदि उसी परिवार में सदस्यों की संख्या 5 से अधिक हो तो उस स्थिति में अगले 5 सदस्यों तक एक अतिरिक्त कार्ड बनाकर प्रति वर्ष 5 लाख रूपए की नि:शुल्क इलाज की सुविधा का प्रावधान किया गया है |
स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत वे सभी परिवार जो आयुष्मान भारत में पंजीकृत नहीं हैं या सरकारी कर्मचारी अथवा सेवानिवृत पेंशन धारक नहीं हैं, वे इस योजना के तहत पात्र हैं। इस योजना में ई-कार्ड जारी किए जाते हैं। नामांकन/ पंजीकरण की प्रक्रिया सरल रखी गई है और लाभार्थी www.hpsbys.in वेबसाइट पर आधार कार्ड, राशन कार्ड, मोबाइल नंबर और श्रेणी प्रमाण पत्र अपलोड करवाकर नामांकन कर सकता है। यह नामांकन वह स्वयं कर सकता है या लोकमित्र केंद्रों /कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से भी कर सकता है। प्रदेश में आयुष्मान भारत के अंतर्गत पंजीकृत अस्पताल इस योजना के अंतर्गत नि:शुल्क इलाज की सुविधा प्रदान करने के लिए मान्य है। इस योजना के अंतर्गत PGI चंडीगढ़ में नेहरू अस्पताल की नई OPD के धरातल मंज़िल में प्रदेश सरकार द्वारा हिमकेयर काउंटर खोला गया है, जहाँ पर जाकर कार्डधारक नि:शुल्क इलाज का लाभ ले सकते हैं। इसके अतिरिक्त चंडीगढ़ में सेक्टर 32 के मेडिकल कॉलेज में भी हिमकेयर के अंतर्गत नि:शुल्क चिकित्सा का लाभ दिया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि अब तक 1 जनवरी, 2019 से 25 मार्च, 2022 तक 2.58 लाख लाभार्थियों को 236.16 करोड़ रूपए की निःशुल्क उपचार सुविधा प्रदान की गई है।